राहुल वर्मा
पूस की ठंडी रात में,
बिना लिहाफ़ के भटक रहा!
नील गगन में चाँद बावरा,
किसके विरह में सुबक रहा!
उतर के नदिया के पानी में,
छुप-छुप के अश्रु बहाता है!
बिछड़ के अपनी प्राणप्रिया से,
रोये-रोये आधा हो जाता है!
किसके रूप की सुंदरता,
उसके मन को लुभाई है!
किसने चाँद के हृदय में,
प्रीत की अगन लगाई है!
एक निर्मोही चला गया,
उसे अकेला छोड़ कर
वो कैसे चैन से सो जाए,
बादल की चादर ओढ़ कर!!
Devendra Singh Chouhan
(owner)
कोविड 19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए क्या मोदी जी को पुनः पहले जैसा कठोर लोक डाउन लगाना चाहिए।
राय देवें।
Priyadarshi Tiwari
जिंदगी का अंतिम सत्य यही है
इंसान की तमन्ना अधूरी रह जाती है
राज सिंह
1-यदि मिट्टी से आदम(Adam) बन सकता है तो फिर मैल से गणेश क्यों नही?
2-यदि आदम की पसली से पैदा होकर हव्वा(Eve) आदम की बेटी नही हुई तो फिर ब्रह्मा से पैदा होकर सरस्वती ब्रह्मा की बेटी कैसे हो गयी?
3-यदि जन्नत की गधी का सर स्त्री का हो सकता है तो फिर गणेश का सर हाथी का क्यों नही?
4-यदि चाँद के टुकड़े हो सकते है तो फिर सूरज क्यों नही निगला जा सकता?
5-यदि ऊंट का मूत्र दवा हो सकता है तो गौ मूत्र क्यों नही?
6-यदि एक जानवर सुवर धर्म की दृस्टि से खराब हो सकता है तो फिर धर्म की दृष्टि से गौ सम्मानित क्यों नही हो सकती?
7-यदि नबियो के वंश बेटियो और दासियों के नियोग से चल सकते है तो फिर सनातन में नियोग से आपत्ति क्यों?
8-यदि मुर्तिया बोल नही सकती तो अल्लाह की भी हिम्मत नही की किसी को दिख जाए वर्तमान समय में या बात कर ले?
9- यदि अल्लाह को मस्जिद की जरूरत है तो फिर भगवान के मन्दिरो से आपत्ति क्यों?
10- यदि भगवान भारत से बाहर नही गया तो अल्लाह भी अरब के रेत से बाहर नही निकला?
11- यदि पत्थर में शैतान हो सकता है तो पत्थर में भगवान की भावना से आपत्ति क्यों?
12- यदि धरती आकाश इस्लाम में बोल सकते है तो फिर सनातन में इन्हें देव मानने से आप्पति क्यों ?