शशिरंजन सिंह
*जो 2 कौड़ी के जाहिल कहते हैं BJP हिन्दू मुस्लिम कर रही उन्हें अपने इतिहास से सीखना चाहिए कि*
• *पृथ्वीराज चौहान*..... अंधा करके मारा गया
• *गुरु अर्जुनदेव जी*.... गर्म तवे पर बैठाने के बाद उन पर खौलती हुई रेत डालकर मारा गया !
• *गुरु तेगबहादुर जी*.... नृशंस हत्या कैसे की गई यह बताने की जरूरत नहीं !
• *भाई मतिदास जी*.... लकड़ी के दो पाटों में बांधकर, ऊपर से नीचे आरी से चीरा गया !
• *भाई सतीदास जी*.... बड़े कड़ाह में खौलते तेल में डुबाकर मारा !
• *भाई दयाला जी*.... रुई में लपेटकर जिन्दा जलाया !
• *गुरु गोविंद जी के दो मासूम *साहिबजादों* को.... जिंदा ही दीवार में चुनवा दिया गया !
• *बाबा बंदा बहादुर*.... उनकी खाल नोंचते हुए पंजाब से दिल्ली लाने के बाद मारा गया, उनके मुँह में उनके ही बच्चे का दिल ठूँस दिया गया !
• *छत्रपती संभाजी महाराज*.... 65 दिन धीरे धीरे करके उनकी चमड़ी छीलकर, उनका वध किया गया !
जिस सोच ने सैंकड़ों साल तक ऐसी नृशंसताएँ कीं, उसी सोच ने....
.....1990 में *कश्मीर के सैंकड़ों हिन्दुओं* के सिर में रॉड ठोककर मारा, हज़ारो हिन्दू महिलाओं के सामूहिक बलात्कारबच्चो को उछाल उछालकर मार गया
.....*स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा* को 12 घंटे से ज्यादा समय तक टॉर्चर करके मारा गया !
.....*कैप्टन *सौरभ कालिया* के* *साथ हुई नृशंसता को लिखने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं* !
...... *अभी अभी हाल ही में, फरवरी 2020, Delhi में , *अंकित शर्मा को 2 घंटे से ज्यादा समय तक चाकू के 400 वार करके मारा गया* !
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असम में एक ईसाई धर्मप्रचारक भेजे गए थे, नाम था फादर क्रूज़ इन्हें असम के एक प्रभावशाली परिवार के लड़के को घर आकर अंग्रेजी पढ़ाने का मौका मिला, पादरी साहब धीरे-धीरे घर का मुआयना करने लगे,उन्हें पता चल गया कि, बच्चे की दादी इस घर में सबसे प्रभाव वालीं हैं, इसलिए उनको यदि ईसा की शिक्षाओं के जाल में फंसाया जाए तो, उनके माध्यम से पूरा परिवार और फिर पूरा गाँव ईसाई बनाया जा सकता है ! पादरी साहब दादी माँ को बताने लगे कैसे ईसा कोढ़ी का कोढ़ ठीक कर देते थे ,कैसे वो अंधों को नेत्र ज्योति देते थे, वगैरह-वगैरह !दादी ने कहा, बेटा, हमारे राम-कृष्ण के चमत्कारों के आगे तो कुछ भी नहीं ये सब ! तुमने सुना है कि हमारे राम ने एक पत्थर का स्पर्श किया तो वो जीवित स्त्री में बदल गई राम जी के नाम के प्रभाव से पत्थर भी तैर जाता था पानी में, पादरी साहब खामोश हो जाते पर कोशिश जारी रखते अपनी ! एक दिन पादरी साहब चर्च से केक लेकर आ गए और दादी को खाने को दिया, पादरी साहब को यकीन था कि दादी न खायेंगी पर उसकी आशा के विपरीत दादी ने केक लिया और खा गई ! पादरी साहब आँखों में गर्वोक्त उन्माद भरे अट्टहास कर उठे, दादी तुमने चर्च का प्रसाद खा लिया ! अब तुम ईसाई हो ,दादी ने पादरी साहब के कान खींचते हुए, वाह रे गधे ! मुझे एक दिन केक खिलाया तो मैं ईसाई हो गई और मैं जो रोज तुमको अपने घर का खिलाती हूँ ,तो तू हिन्दू क्यों नहीं हुआ ? तू तो रोज़ सनातन की इस आदि भूमि का वायु ,जल लेता है फिर तो तेरा रोम-रोम हिन्दू बन जाना चाहिए ?अपने स्वधर्म और राष्ट्र को पथभ्रष्ट होने और गलत दिशा में जाने से बचाने वाली ये दादी माँ थी असम की सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी " *कमला देवी हजारिका* " कौन जानता है इनको असम से बाहर ?क्या हमारा कर्तव्य नहीं है कि, देश इनके बारे में जाने ?
*वन्दे* *मातरम्*