मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
सुरजा एस
दो लोग जबरदस्ती
व्हीलचेयर पर लदे हैं
दीदी हार के डर से और मुख्तार मार के डर से
jareen jj
अब भी कहोगे साथियों कि
इनबुक को फेसबुक जैसा होना चाहिए
शशि यादव
क्या आप लोग वक्फ बोर्ड को हटाने का समर्थन करते हैं
शशिरंजन सिंह
*आखिर क्यों मोदी को समंदर में डुबकी लगाकर द्वारका जी के दर्शन करने जाना पड़ा.?*
गुजरात हाई कोर्ट ने Bet Dwarka के 2 द्वीपों पर कब्जा जमाने के सुन्नी वक्फ बोर्ड के सपने को चकनाचूर कर दिया है।।
इस समय गुजरात का यह विषय बहुत चर्चा में है।। सोशल मीडिया के माध्यम से हम लोगों को मालूम पड़ गया वरना पता ही नहीं चलता।
@कैसे पलायन होता है @और कैसे कब्जा होता है, @ लैंड जिहाद क्या होता है वह समझने के लिए _आप बस बेट द्वारिका टापू का अध्ययन करलें तो सब प्रक्रिया समझ आ जायेगी।_
@कुछ साल पहले तक यहाँ कि लगभग पूरी आबादी हिन्दू थी।
यह ओखा नगरपालिका के अन्तर्गत आने वाला क्षेत्र है जहाँ जाने का एकमात्र रास्ता पानी से होकर जाता है।
इसलिए बेट द्वारिका से बाहर जाने के लिए लोग नाव का प्रयोग करते हैं।।
यहाँ द्वारिकाधीश का प्राचीन मंदिर स्थित है।
कहते हैं कि 5 हजार साल पहले यहाँ रुक्मिणी ने मूर्ति स्थापना करी थी।
>समुद्र से घिरा यह टापू बड़ा शांत रहता था।
>लोगो का मुख्य पेशा मछली पकड़ना था।
> _धीरे धीरे यहाँ बाहर से मछली पकड़ने वाले मुस्लिम आने लगे।_
> _दयालु हिन्दू आबादी ने इन्हें वहाँ रहकर मछली पकड़ने की अनुमति दे दी।_
>धीरे धीरे मछली पकडने के पूरे कारोबार पर मुस्लिमों का कब्जा हो गया।
>> *बाहर से फंडिंग के चलते इन्होंने बाजार में सस्ती मछली बेची जिससे सब हिन्दू मछुआरे बेरोजगार हो गये*।
>अब हिन्दू आबादी ने रोजगार के लिए टापू से बाहर जाना शुरू किया।
लेकिन यहां एक और चमत्कार / प्रयोग हुआ ।
बेट द्वारिका से ओखा तक जाने के लिए नाव में 8 रुपये किराया लगता था।
*अब क्योंकि सब नावों पर मुस्लिमों का कब्जा हो गया था तो उन्होंने किराये का नया नियम बनाया।*
_जो हिन्दू नाव से ओखा जायेगा वह किराये के 100 रुपये देगा और मुस्लिम वही 8 रुपये देगा।_
अब कोई दिहाड़ी हिन्दू केवल आवाजाही के 200 रुपये देगा तो वह बचायेगा क्या ?
@ _इसलिए रोजगार के लिए हिन्दुओ ने वहाँ से पलायन शुरू कर दिया।_
@ *अब वहाँ केवल 15 प्रतिशत हिन्दू आबादी रहती है।*
आपने पलायन का पहला कारण यहाँ पढ़ा।
>> _रोजगार के 2 मुख्य साधन मछली पकड़ने का काम और ट्रांसपोर्ट दोनो हिन्दुओ से छीन लिया गया।_
जैसे बाकी सब जगह राज मिस्त्री,कारपेंटर, इलेक्ट्रॉनिक मिस्त्री , ड्राइवर ,नाई व अन्य हाथ के काम 90% तक हिन्दुओ ने उनके हवाले कर दिये हैं।
अब बेट द्वारिका में तो 5 हजार साल पुराना मंदिर है जिसके दर्शन के लिए हिन्दू जाते थे तो इसमें वहां के जिहादियों ने नया तरीका निकाला।
@ क्योंकि *आवाजाही के साधनों पर उनका कब्जा हो चुका था* तो उन्होंने आने वाले _श्रद्धालुओं से केवल 20-30 मिनट की जल यात्रा के 4 हजार से 5 हजार रुपये मांगने शुरू कर दिये।_
@ इतना महंगा किराया आम व्यक्ति कैसे चुका पायेगा इसलिए लोगो ने वहां जाना बंद कर दिया।
>>> अब जब वहाँ पूर्ण रूप से जिहादियों की पकड़ हो गई तो उन्होंने जगह जगह मकान बनाने शुरू किये, देखते ही देखते प्राचीन मंदिर चारों तरफ से *मजारों* से घेर दिया गया।
वहाँ की बची खुची हिन्दू आबादी सरकार को अपनी बात कहते कहते हार चुकी थी, फिर कुछ हिन्दू समाजसेवियों ने इसका संज्ञान लिया और सरकार को चेताया।
सरकार ने ओखा से बेट द्वारिका तक सिग्नेचर ब्रिज बनाने का काम शुरू करवाया।
बाकी विषयो की जांच शुरू हुई तो जांच एजेंसी चौंक गई।
*गुजरात में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका स्थित बेट द्वारिका के दो टापू पर अपना दावा ठोका है।*
वक्फ बोर्ड ने अपने आवेदन
में दावा किया है कि बेट द्वारका टापू पर दो द्वीपों का स्वामित्व वक्फ बोर्ड का है।
गुजरात उच्च न्यायालय ने इस पर आश्चर्य जताते हुए पूछा कि कृष्ण नगरी पर आप कैसे दावा कर सकते हैं और इसके बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया।
> बेट द्वारका में करीब आठ टापू है, जिनमें से दो पर भगवान कृष्ण के मंदिर बने हुए हैं।
प्राचीन कहानियां बताती हैं कि भगवान कृष्ण की आराधना करते हुए मीरा यहीं पर उनकी मूर्ति में समा गई थी।
*बेट द्वारका के इन दो टापू पर करीब 7000 परिवार रहते हैं, इनमें से करीब 6000 परिवार मुस्लिम हैं।*
यह द्वारका के तट पर एक छोटा सा द्वीप है और ओखा से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
वक्फ बोर्ड इसी के आधार पर इन दो टापू पर अपना दावा जताता है।
यहां अभी इस साजिश का शुरुआती चरण ही है कि इसका खुलासा हो गया.
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इस चरण में कुछ लोग, ऐसी जमीनों पर कब्जा करके अवैध निर्माण बना रहे थे, जो रणनीतिक रूप से, भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता था.
अब जाकर सब अवैध कब्जे व मजारें तोड़ी जा रही हैं।
माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की कृपा से अब सी लिंक का उद्घाटन होने वाला है, मुसलमानों के नौका/छोटे पानी के जहाज से यात्रा करवाने का धंधा भी चौपट होने जा रहा है,
जय हो,
मोदी है तो मुमकिन है।
*बेट द्वारिका में आने वाला कोई भी मुसलमान वहाँ का स्थानीय नहीं है सब बाहर के हैं।*
फिर भी उन्होंने धीरे धीरे कुछ ही वर्षों में वहां के हिन्दुओ से सब कुछ छीन लिया और भारत के गुजरात जैसे एक राज्य का टापू *सीरिया* बन गया।
*सावधान व सजग रहना अत्यंत आवश्यक है ।।*
*कम से कम पांच ग्रुप में जरूर भेजे*
*कुछ लोग नही भेजेंगे*
*लेकिन मुझे उम्मीद है आप जरूर भेजेंगे...!*
*जागो हिन्दू जागो...
राहुल वर्मा
सच का सूरज
==========
तुम झूठ हो
पर मैंने तुम्हें दबे पाँव आते देखा है चोरों की तरह!
चार दिन की चाँदनी
फिर अंधेरी रात होते देखा है!
आइना तो तुम देखने के क़ाबिल ही नहीं
सरे आम बाजार में मुँह काला होते देखा है!
तुम तो डूबता सूरज हो
अमावस की रात हो!
पर मैंने तुम्हें चाँदनी रात का
दिल जलाते देखा है!
तुम तो बड़े लाजवाब
छल कपट के पुतले हो
पर मैंने तुम्हें लोगों को
अंगुलियों पर नचाते हुए देखा है!
खुदा की कचहरी में तो तुम
धरे जाओगे तुम मुजरिम हो
लाख कर लो कोशिशें तुम
कभी भाग नहीं पाओगे!
जीत कर भी हार जाओगे
अपराधी हो तुम
क़ैद कर लिए जाओगे
दबे पाँव भी भाग नहीं पाओगे!
अब भी छोड़ दो झूठ बोलना
ऐ झूठ
सच का सूरज चमक रहा है
अब भी वक्त है
पकड़ लो दामन सच का
वर्ना झुलस कर राख हो जाओगे!!
(राहुल वर्मा)
Mukesh Bansal
*पानी की बर्बादी रोकने के 18 तरीके जिन पर आपने ध्यान नहीं दिया!*
❤️
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हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है।
*कवि एवं सन्त रहीम दास जी ने सदियों पहले पानी का महत्व बता दिया था किन्तु हम आज भी जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हैं।*
*रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून |*
*पानी गये ना ऊबरे, मोती मानुष चून ||*
1 कैसे बचाएं पानी
2.1 जल संसाधन
2.2 जल सरंक्षण की आवश्यकता क्यों है ?
2.3 जल संरक्षण
कैसे बचाएं पानी
जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है। लातूर जैसी कई जगह तो पानी की कमी की वजह से हालात अत्यन्त भयावह हो रहे हैं। लेकिन हम हमेशा यही सोचते हैं बस जैसे तैसे गर्मी का सीजन निकाल जाये बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी और यह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति बेरुखी अपनाये रहते हैं।
किन्तु आज मानव जाति के लिये जल सरंक्षण अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गया है। यदि अब भी हम लोग जल सरंक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो यह बात बिलकुल सही साबित होगी कि-
तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।
जल संसाधन :
जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव जाति के लिये उपयोगी हैं या जिनके उपयोग में आने की सम्भावना है। पूरे विश्व में धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है। इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है।
जल के स्रोतों को हम तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं –
1. धरातल के ऊपर से प्राप्त जल – यह बारिश का जल है जो शुद्ध होता है किन्तु सतर्कता ना रखने पर जमीन पर आते आते इसमें कई प्रकार की अशुद्धियाँ घुलने का डर रहता है।
2. धरातलीय जल – नदी, तालाब, झील, झरने आदि धरातलीय जल के प्रकार हैं।
3. अन्त: धरातलीय जल – कच्चे तथा पके कुएं , बावड़ी, बोरिंग आदि।
जल सरंक्षण की आवश्यकता क्यों है ?
जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण तथा औधोगिकीकरण के कारण प्रति व्यक्ति के लिये उपलब्ध पेयजल की मात्रा लगातार कम हो रही है जिससे उपलब्ध जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। जहाँ एक ओर पानी की मांग लगातार बढ़ रही है वहीँ दूसरी ओर प्रदूषण और मिलावट के कारण उपयोग किये जाने वाले जल संसाधनों की गुणवत्ता तेजी से घट रही है।
साथ ही भूमिगत जल का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है ऐसी स्तिथि में पानी की कमी की पूर्ति करने के लिये आज जल संरक्षण की नितान्त आवश्यकता है।
सम्पूर्ण विश्व में 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। अटल जी कहा करते थे-
यदि हम लोग जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।
और अब यह बात अब बिलकुल सही लगने लगी है।
जल संरक्षण के उपाय
जल संरक्षण आज विश्व की सर्वोपरि प्राथमिकताओं में से होनी चाहिये। जल संरक्षण हमे घर में, घर के बाहर, बाग़ बगीचों, खेत खलिहान हर जगह करना चाहिये।
1. घरेलू जल सरंक्षण
दाढ़ी बनाते समय, ब्रश करते समय, सिंक में बर्तन धोते समय, नल तभी खोलें जब सचमुच पानी की ज़रूरत हो।
गाड़ी धोते समय पाइप की बजाय बाल्टी व मग का प्रयोग करें, इससे काफी पानी बचता है।
नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें,काफी पानी की बचत होगी। इस काम के लिए आप भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा ले सकते हैं जो सिर्फ १ बाल्टी पानी से ही नहाते हैं।
वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े-थोड़े कपड़े धोने की बजाय कपडे इकट्ठे होने पर ही धोएं।
ज्यादा बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में बदलें। सम्भव हो तो दो बटन वाले फ्लश का टैंक खरीदें। यह पेशाब के बाद थोड़ा पानी और शौच के बाद ज्यादा पानी का बहाव देता है।
जहाँ कहीं भी नल या पाइप लीक करे तो उसे तुरन्त ठीक करवायें। इसमें काफी पानी को बर्बाद होने से रोका जा सकता है।
बर्तन धोते समय भी नल को लगातार खोले रहने की बजाये अगर बाल्टी में पानी भर कर काम किया जाए तो काफी पानी बच सकता है।
2. घर के बाहर जल संरक्षण
सार्वजनिक पार्क, गली, मौहल्ले, अस्पताल, स्कूलों आदि में जहाँ कहीं भी नल की टोंटियाँ खराब हों या पाइप से पानी लीक हो रहा हो तो तुरन्त जलदाय ऑफिस में या सम्बन्धित व्यक्ति को सूचना दें, इसमें हजारों लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।
बाग़ बगीचों एवं घर के आस पास पौधों में पाइप से पानी देने के बजाय वाटर कैन द्वारा पानी देने से काफी पानी की बचत हो सकती है
बाग़ बगीचों में दिन की बजाय रात में पानी देना चाहिये। इससे पानी का वाष्पीकरण नहीं हो पाता। कम पानी से ही सिंचाई हो जाती है
सिंचाई क्षेत्र हेतु कृषि के लिये कम लागत की आधुनिक तकनीकों को अपनाना जल सरंक्षण हतु उपयोगी है।
3. वृक्षा रोपण / Plantation
वृक्ष हमारे अभिन्न मित्र हैं ये हमें छाया,फल,लकड़ी प्रदान करते हैं जमीन का कटाव रोकते हैं, बाढ़ से सुरक्षा करते हैं। जहाँ ज्यादा वृक्ष होते हैं वहां अच्छी बारिश होती है जिससे बारिश में नदी नाले भर जाते हैं और पानी की कमी नहीं हो पाती। इसलिए लगातार वृक्षा रोपण करते रहना चाहिये।
4. जल संरक्षण हेतु कानून
कई क्षेत्रों में बिना रोकथाम के पानी निकालने से भूजल के स्तर में भारी गिरावट आ जाती है। इसके लिये भूजल के वितरण प्रबन्धन नियमों का पालन करना जरूरी है। साथ ही नए कानून बनाने की ज़रूरत है जो किसी भी प्रकार के वाटर वेस्टेज को एक गैर-कानूनी काम के रूप में देखें और ऐसा करने वालों को जुरमाना और सजा देने का प्रावधान करें।
5. औधोगिक क्षेत्र में नई तकनीक
पानी की जरूरत को कम करने लिये, औद्योगिक क्षेत्र, कारखानों आदि में आधुनिक तकनीक को प्रयोग में लेना चाहिये।
6. वर्षा जल संचयन / Rain water harvesting
हम लोगों की अकेली यह आदत ही जल संरक्षण हेतु मील का पत्थर साबित हो सकती है। एक बारिश के बाद अगली बारिश से छतों से वर्षा जल का संचय करें। यह पीने, कपड़े धोने, बागवानी आदि सभी कार्यों हेतू उत्तम है। इसके लिये गाँव, शहरों में भवन निर्माण सम्बन्धी नियमों में वर्षा जल संचयन को अनिवार्य किया जाना चाहिये तथा लोगों को वर्षा जल संचय हेतु प्रोत्साहित किये जाने वाले उपाय ढूंढे जाने चाहियें।
7. जल जागरूकता कार्यक्रम
पानी की बर्बादी रोकने, वर्षा जल का संचयन करने, लगातार वृक्षारोपण करने तथा पानी को प्रदुषण से बचाने हेतु लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाते रहना चाहिये और यह प्रयास हम सबको मिलकर करना चाहिए।
8. वाटर ओवरफ्लो अलार्म लगाएं
छतों पर लगी टंकियों से पानी गिरकर बर्वाद होना एक आम दृश्य है। हमें इसे रोकना होगा और इसके लिए सबसे सरल उपाय है कि आप अपनी टंकी को एक water overflow alarm से जोड़ दें। इस बारे में हम डिटेल में अगली पोस्ट में बात करेंगे।
9. Flush के अन्दर पानी की बोतल में बालू-कंकड़ भर कर डाल दें
अमूमन फ्लश से ज़रूरत से अधिक पानी बहता है, इसलिए अगर आप उसमे 1लीटर की बोतल में बालू-कंकड़ आदि भर के डाल देते हैं तो हर एक फ्लश पे आप 1 लिटर पानी बचा सकते हैं, और पूरे वर्ष में हज़ारों लीटर पानी बचाया जा सकता है।
फ्लश से रिलेटेड इस बात पर भी ध्यान दें कि कहीं फ्लश का नौब पूरी तरह से न उठने के कारण वो leak तो नहीं हो रहा है। कई बार इस कारण से रात भर में पूरी टंकी खाली हो जाती है।
10. Water Supply के पानी को अपना पानी समझें
जो लोग भाग्यशाली हैं उनके घरों में सरकार की तरफ से वाटर-सप्लाई का पानी भी आता है। देखा गया है कि अक्सर लोग लगभग मुफ्त में मिलने वाले इसे पानी को बहुत अधिक बवाद करते हैं…वे इसे क्यारी में लगा कर छोड़ देते है (बरसात के मौसम में भी), अपने कूलर में पानी भरने के लिए लगा कर भूल जाते हैं या वाशिंग मशीन में लगा कर छोड़ देते हैं। और चूँकि ये पाने टाइम-टाइम से आता है, इसलिए कई बार लोग टोटियां खुली छोड़ कर बाकी काम में व्यस्त हो जाते हैं और जब पाने आने का टाइम होता है तो पानी बस यूँही गिरता रहता है।
इन लापरवाहियों की वजह से वे एक ही दिन में सैकड़ों लीटर पानी बर्वाद कर देते हैं। वहीँ दूसरी और वे अपनी टंकियों में भरे पानी को लेकर बहुत सजग होते हैं। यदि आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं तो कृपया ऐसा करना बंद करें। पानी तो पानी है, इसमें सरकारी और अपने का भेद नहीं करना चाहिए।
11. उतना ही पानी लें जितना पीना है
जब आप 1 glass RO water पीते हैं तो ध्यान रखिये कि इसे फ़िल्टर करने के प्रोसेस में 3 glass पानी waste किया जाता है। इसलिए जब भी आप गिलास में RO वाटर लें तो पूरा भर के लेने की बजाये उतना ही लें जितना पीना है। और किसी को देना भी हो तो उसे पानी ग्लास में भर कर देने की बजाये जग या water bottle के साथ गिलास दे सकते हैं। इस तरह से काफी पानी बचाया जा सकता है।
यदि आप किसी रेस्टोरेंट में जाते हैं तो सबसे पहले वेटर पानी ला कर रख देता है, तब भी जब आपको उसकी ज़रूरत न हो! इसलिए जब आप ऐसी जगह जाइए तो तभी पानी लीजिये जब वाकई में आपको उसकी need हो।
12. RO Machine या AC से निकलने वाले waste water को उपयोग करें
RO machine द्वारा लिए गए कुल पानी का 75% part waste हो जाता है। इसलिए कोशिश करिए कि मशीन की वास्ते पाइप से जो पानी निकला रहा है उसे बकेट में इकठ्ठा कर लिया जाए या पाइप लम्बी करके उसे पौधों को सींचने के काम में लाया जाये। इसी तरह AC से निकलने वाले पानी को भी सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
13. Hand-Pump का प्रयोग करें
पहले के जमाने में लोग हैण्ड पंप का ही प्रयोग करते थे। इस वाजह से पानी की बर्बादी बहुत कम होती थी, जिसको जितनी ज़रूर होती थी वो उतना ही पानी निकालता था। पर समय के साथ लोग मोटर से पानी भरने लगे और हैण्ड पंप को भूल गए। यदि आपके यहाँ हैण्ड पंप लगा ही न हो तो कोई बात नहीं लेकिन अगर लगा है और बेकार पड़ा है तो उसे ठीक करा कर कभी-कभार प्रयोग करें। अच्छा होगा अगर हम intentionally हफ्ते का एक दिन सिर्फ हैण्ड पंप use करके पानी निकालें। ऐसा करने से कम से कम एक दिन हम सिर्फ उतना ही पानी निकालेंगे जितने की हमें सचमुच ज़रूरत है।
14. सब्जियां-फल किसी बर्तन में धोएं
कई बार लोग सब्जियों और फलों को running water से धोते हैं, अगर इसकी जगह आप किसी बड़े भगौने या बर्तन में पानी भर कर सब्जियां धोएँगे तो पानी भी कम लगेगा और वो ठीक से साफ़ भी हो पाएंगी।
15. Wash-basin का फ्लो कम कर दें
वाश बेसिन के नीचे भी पानी कण्ट्रोल करने के लिए एक टोटी लगी होती है, अकसर वो पूरी खुली होती है, अगर आप उसे थोड़ा सा घुमा देंगे तो पानी का फ्लो अपने आप कुछ कम हो जाएगा और काफी पानी बर्वाद होने से बच पायेगा।
16. Bathroom में एक-आध बाल्टी एक्स्ट्रा रखें
अकसर गर्मियों के दिनों में टंकी का पानी बहुत गरम हो जाता है और लोग नहाते समय पहले कुछ पानी गिरा देते हैं कि उसके बाद ठंडा पानी आने लगे। ऐसा करना पड़े तो पानी गिराने की बजाये किसी बाल्टी में भर कर रख लें। और बेहतर तो ये होगा कि सुबह के टाइम ही आप बाल्टियों में पानी भर कर रख लें ताकि नहाते वक्त आपको ठंडा पानी मिल सके।
17. प्लम्बर का हल्का-फुल्का काम खुद सीखें
अकसर देखा जाता है कि घर में मौजूद पानी के taps टपकते रहते हैं और हम उसे यूँही ignore करते रहते हैं क्योकि हम आलस में प्लम्बर को बुलाते नहीं या ये सोचते हैं कि अगर प्लम्बर को बुलायेंगे तो वो अनाप-शनाप पैसे मांगेगा और हम खुद उसे ठीक करने की हिम्मत नहीं दिखाते। लेकिन अगर हम plumbing के बेसिक सामान घर पे रखें और खुद ही छोटी-मोटी चीजें ठीक करना सीख लें तो हम बहुत सारा पानी बर्वाद होने से रोक सकते हैं। मेरी तो सलाह है कि हमें स्कूलों में बच्चों को plumbing से रिलेटेड बेसिक काम ज़रूर सिखाने चाहिए।
18. जो भी पानी बर्वाद करता है उसे रोकें
AKC पर कुछ महीनों पहले एक पोस्ट शेयर की गयी थी – प्लेट में खाना छोड़ने से पहले Ratan Tata का ये संदेश ज़रूर पढ़ें!
जिसमे उन्होंने जर्मनी के एक रेस्टोरेंट का अनुभव बताया था जिसमे खाना वेस्ट करने पर वहां के नागरिकों ने आपत्ति जताई थी कि भले आपने पैसे देकर खाना खरीदा हो, फिर भी आप उसे बर्वाद नहीं कर सकते क्योंकि भले पैसा पैसा आपका है पर संसाधन देश के हैं !
और यही बात हम Indians को भी समझनी होगी। पानी की बर्बादी सिर्फ उसे बर्वाद करने वाले को ही नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करती है। अगर आपका पड़ोसी पानी बर्वाद करता है तो आपका भी वाटर-लेवल कम होता है…इसलिए इस अनमोल संसाधन को न waste करिए और न waste करने दीजिये।
आइये जल बचाएँ, “क्योंकि जल होगा तो कल होगा “
पानी बचाओ व जल संरक्षण पर अनमोल विचार व नारे
#1
Water Conservation Quotes in Hindi
Give me water and I will give you life.
तुम मुझे जल दो मैं तुम्हे जीवन दूंगा.
#2
Conserve water, conserve life.
पानी का संरक्षण करें, जीवन का संरक्षण करें.
#3
You never know the worth of water until the well runs dry.
आप तब तक पानी की कीमत नहीं समझते जब तक कुंएं सूख नहीं जाते.
#4
Save water, and it will save you.
पानी बचाओ, और ये तुम्हे बचाएगा.
#5
Don’t let life slip down the drain.
ज़िन्दगी को नाली में बहने ना दो.
#6
How many drops make up an ocean? Conserve water; every drop counts.
कितने बूंदों से सागर बनता है? पानी बचाओ; हर एक बूँद ज़रूरी है.
#7
Don’t flush our planet’s most valuable resource.
हमारे ग्रह के सबसे मूल्यवान संसाधन फ्लश आउट न करें।
#8
It takes a lot of blue to stay green.
हरा बना रहने के लिए बहुत सारे नीले की ज़रुरत होती है.
#9
If we don’t learn to conserve, we’ll all be fish out of water.
अगर हम संरक्षण करना नहीं सीखते हैं तो हम बिन पानी की मछली की तरह होंगे.
#10
Water, water everywhere but not a drop to drink.
हर तरफ पानी लेकिन पीने के लिए एक भी बूँद नहीं.
#11
A drop of water is worth more than a sack of gold to a thirsty man.
एक प्यासे इंसान के लिए पानी की एक बूँद सोने की एक बोरी से भी अधिक मूल्यवान है.
#12
Save Water to Save Life on Earth.
पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए पानी बचाओ.
#13
Save Water Save this Planet.
पानी बचाओ इस ग्रह को बचाओ.
#14
If Drops can make an Ocean, they can finish too! So, Save Water.
अगर बूँद-बूँद से सागर बन सकता है तो ख़त्म भी हो सकता है! इसलिए, पानी बचाओ.
#15
Don’t waste even a drop of water otherwise you will be wasted for a drop of water.
पानी की एक बूँद भी बर्बाद मत करो वरना तुम पानी की एक बूँद के लिए बर्बाद हो जाओगे.
#16
Save Water through Water Conservation, as Water is Life and Conservation is Future.
जल संरक्षण के माध्यम से पानी बचाओ, क्योंकि जल जीवन है और संरक्षण भविष्य.
#17
Every Drop of Water Matters, as Every Drop has Life.
पानी की हर एक बूँद मायने रखती है क्योंकि हर एक बूँद में जीवन है.
#18
If you don’t know, ask the importance of water to a thirsty man.
अगर तुम्हे नहीं पता तो एक प्यासे आदमी से पानी का महत्त्व पूछो.
#19
If you Save Water, Water will Save You.
अगर तुम पानी बचोगे तो पानी तुम्हे बचाएगा.
#20
पढ़ें: पर्यावरण की महत्ता बताते 30 कथन
Save Water, Secure Lives.
पानी बचाओ, जीवन को सुरक्षित करो.
#21
Conserve Rainwater to Save the Water for Future.
भविष्य के लिए पानी बचाने के लिए बारिश के पानी को संरक्षित करो.
#22
Bring Rainwater Tank to Save the Water Bank.
वाटर बैंक बचाने के लिए रेनवाटर टैंक लाओ.
#23
A Drip can Destroy many Drops.
एक टपकन कई बूंदों को बर्बाद कर सकती है.
#24
Water is Priceless Gift of Nature, so Save it for Future.
पानी प्रकृति का अमूल्य तोहफा है, इसलिए इसे भविष्य के लिए बचाओ.
#25
Life Depends on Water and Water Conservation Depends on You.
जीवन जल पर निर्भर है और जल संरक्षण आप पर.
#26
No Water no Life.
पानी नहीं जीवन नहीं.
#27
Know Water. Know Life.
पानी को जानों. जीवन को जानों.
#28
Save the Sea to See the Future.
‘सी’ को बचाओ ताकि फ्यूचर को ‘सी’ कर सको.
#29
Drink Water but don’t waste Water.
पानी पियो लेकिन बर्बाद मत करो.
#30
Save Water Slogans in Hindi
Water is Earth’s blood, don’ t waste it like that.
पानी पृथ्वी का खून है इसे यूँ ही ना बहाएं.
#31
Always remember to fill the glass up to the need.
हमेशा याद रखिये गिलास को वहीँ तक भरें जहाँ तक ज़रुरत हो.
#32
Teach your kids to respect water so that they can have it later.
अपने बच्चों को पानी की इज्ज़त करना सिखाएं ताकि बाद में उन्हें ये मिल सके.
#33
Turn off taps while brushing can save water more than you think.
ब्रश करते वक़्त टैप बंद करना जितना आप सोच सकते हैं उससे अधिक पानी बचाता है.
#34
Never throw drinking water; always save to have it later.
कभी भी पीने का पानी फेंकें नहीं; बाद में पीने के लिए हमेशा इसे बचा कर रखें.
#35
Use water only when you need as like costly things.
कीमती वस्तुओं की तरह तभी पानी प्रयोग करें जब आपको उसकी ज़रुरत हो.
पढ़ें: प्रकृति पर अनमोल विचार
#36
Start water conservation to prevent future dehydration.
भविष्य में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आज से वाटर कंजर्वेशन करें.
#37
Save water! Your small step can be the major change.
पानी बचाओ! आपका छोटा सा कदम एक बड़ा बदलाव ला सकता है.
#38
Don’t waste water to harvest it later.
पानी वेस्ट न करें कि बाद में इसे हार्वेस्ट करना पड़े.
#39
The wars of the twenty-first century will be fought over water.
इक्कीसवीं सदी की लड़ाइयाँ पानी के लिए लड़ी जायेंगी.
#40
Save Water & Water Conservation Quotes & Slogans in Hindi
You are 60% water. Save 60% of YOURSELF.
आप 60% पानी हैं. खुद का 60% बचाएं.
#41
Walk in the desert, You will realize the cost of Water.
रेगिस्तान में चलिए, आपको पानी की कीमत का एहसास हो जाएगा.
#42
Waste water today – Live in desert tomorrow.
आज पानी बर्बाद करिए – कल रेगिस्तान में रहिये.
#43
Water Covers about 70% of the surface of the Earth but Only 2.5% is Drinkable. Save Water.
दुनिया का करीब 70% हिस्सा पानी से ढका है लेकिन कुल पानी का बस 2.5% ही पीने योग्य है. पानी बचाएं.
#44
Life will end before water ends.
पानी ख़त्म होने से पहले जीवन ख़त्म हो जाएगा.
#45
पानी हमारे जीवनकाल और हमारे बच्चों के जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन मुद्दा है।
#46
Don’t make nature cry, keep your water clean.
प्रकृति को रुलाओ मत, अपना पानी स्वच्छ रखो.
#47
Don’t be a leak in the pipeline; Prevent water loss.
पाइपलाइन की लीक मत बनो; पानी की बर्बादी रोको.
#48
It lies on us whether a small tap saves or wastes thousands of litres of water.
ये हम पर निर्भर करता है कि एक छोटी सी टोटी हज़ारों लीटर पानी बचाती या बर्बाद करती है.
#49
Don’t waste so much water that it becomes petrol.
इतना पानी मत बर्बाद करो कि वो पेट्रोल बन जाए!
#50
पानी बचाओ व जल संरक्षण पर कथन व नारे
जल है तो कल है.
#51
जल ही जीवन है.
#52
जल है जीवन की आस…. बचा रहे ये करो प्रयास
#53
पानी है तो जिंदगानी है…
#54
जब ना होगा नीर सब होंगे सब गंभीर
#55
जल ही है असली सोना, भूलकर भी इसे न खोना.
#56
पानी का सदुपयोग करो, मत इसका दुरूपयोग करो.
#57
पानी नहीं बचायेंगे तो सब प्यासे मर जायेंगे.
#58
बच्चे, बूढ़े और जवान पानी बचाना सबका काम
#59
पानी की बर्बादी रोकिए |
बिन पानी होगा क्या सोचिए ||
#60
रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून |
पानी गये ना ऊबरे, मोती मानुष चून ||
“हाथ में मटका ,आँख में पानी ”
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बूंद -बूंद को तरसे ,
अब बुंदेलखण्ड औ बांदा !
सभी अधर हैं सूखे -सूखे ,
चाहे न हो या हो मादा |
नदियां बनी जा रहीं नाला ,
जल होता जा रहा काला |
हाथ में मटका ,आँख मेन पानी ||
बादल नेताओं के जैसे ,
देकर जाते झूठा वादा !
सभी अधर हैं सूखे सूखे ,
चाहे नर हो या हो मादा ||
अनिल जैन
रिश्ते खून से नहीं, बल्कि भरोसे से बनते है और भरोसा वहां टूटता है, जहां अहमियत कम हो जाती है..