मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
सुरजा एस
दो लोग जबरदस्ती
व्हीलचेयर पर लदे हैं
दीदी हार के डर से और मुख्तार मार के डर से
jareen jj
अब भी कहोगे साथियों कि
इनबुक को फेसबुक जैसा होना चाहिए
शशि यादव
कुछ लोगो का प्यार समझ से परे होता है
सोशल मीडिया पर मिलते ही सीधा ब्लॉक हो जाता है।
लवली ठाकुर
इनबुक साथियों
नमस्कार
जब भी अपने कोई भी साथी मतदान (poll) सबके लिए रखता है तो हमें सिर्फ लाईक, कमेंट ही नहीं करना चाहिए बल्कि पोल में जाकर मत भी देना चाहिए। क्योंकि लोकतंत्र में मत से ही प्रभाव पड़ता है
शशिरंजन सिंह
*महाभारत युद्ध के बाद भगवान श्री कृष्ण राजनीति समझाते हुए कहते हैं कि...*
ऐसा नहीं था कि पाण्डवों के साथ में जुड़े सभी लोग अच्छे ही थे.…
अथवा, कौरवों के साथ जुड़े सारे के सारे लोग, बुरे लोग ही थे…..
लेकिन, कौरवों और पांडवों में एक बेसिक अंतर था कि.…
*यदि कौरव जीतते तो सत्ता दुर्योधन के हाथ में जाती...*
*जबकि, पांडव जीतते तो सत्ता धर्मराज युधिष्ठिर के हाथ में….*
*इसीलिए, मैंने सिर्फ यह देखा कि ‘धर्म’ किस राजा के पक्ष में था…..
राहुल वर्मा
कायर पंछी कहलाएंगे
================
दो पंछी ग़म में बैठे थे,
निकले आँसू असहनीय थे।
उनके रोने से ऐसा लगा,
वे घर से बेघर हो गए थे।
एक पेड़ पर उनके पूर्वज
युग युग से रहते आए थे
उन्होंने अपने दुख सुख
उसी वृक्ष के साथ बिताए थे।
एक समय की बात
पेड़ तूफ़ान से जूझ रहा था
इतनी विकराल हवा में भी
वह अपनी साँसें खोज रहा था।
बिलखते आए वहाँ दो पंछी,
बेचारे तूफ़ान में फँसे हुए थे।
इस यमराज रूपी तूफ़ान ने
उनके घर बार तोड़ दिए थे।
पंछी बोले, हे! पेड़ देवता
तुम तो बहुत बड़े हो
डरते नहीं तुम तूफ़ानों से
तुम इंसानों से भी परे हो।
मुझे आसरा दे दो भगवन
मैं वक्त का मारा पंछी हूँ।
इस विपदा की दुखित घड़ी में
ये तूफ़ान हमारा भक्षी है
पेड़ ने अपने दुख में भी
हमारा साथ निभाया
हमारी पीढ़ी दर पीढ़ी को भी
हँसकर गले लगाया।
कुछ लोग लगे काटने पेड़ को
पेड़ दर्द से चिल्लाया।
कुछ आवारा पंछी जल्दी से
उड़कर लगे भागने।
पेड़ था दुख से घायल
वो लगा उन्हें समझाने
" बेटों" मेरा अन्त समय है
मैं अब गिरने वाला हूँ।
दूर जाओ तुम बच्चों को लेकर
क्यों अपनी जान गंवाते हो
मिलता नहीँ जन्म जहाँ में
क्यों इसको व्यर्थ गंवाते हो।
तुम्हारी जान बच्चों की दुनिया
क्यों इसको दाँव पर लगाते हो।
"पंछी बोले अरे दोस्त मेरे!
हम साथ तेरा ना छोड़ेंगे
इस दुख की घड़ी में मरकर भी
हम दामन तेरा ना छोड़ेंगे।
तुम्हारे उपकार का बदला
हम कभी चुका ना पाएंगे।
यदि साथ तेरा छोड़ दिया
तो देशद्रोही हम कहलाएंगे
जी कर भी हम जीते जी
कायर पंछी कहलाएंगे।
(राहुल वर्मा)
Mukesh Bansal
*ताश के बारे में नया ज्ञान मिला। आप भी देखें:*
!! ताश का मर्म !!
हम ताश खेलते है, अपना मनोरंजन करते है। पर शायद कुछ ही लोग जानते होंगे कि ताश का आधार वैज्ञानिक है व साथ साथ ही प्राकृति से भी जुड़ा हुआ है:-
आयताकार मोंटे कागज़ से बने पत्ते चार प्रकार के .....ईंट, पान, चिड़ी, और हुक्म, प्रत्येक 13 पत्तों को मिलाकर कुल 52 पत्ते होते हैं।
पत्ते.... एक्का से दस्सा, गुलाम, रानी एवं राजा ।
1. 52 पत्ते .......52 सप्ताह
2. 4 प्रकार के पत्ते .......4 ऋतु
3. प्रत्येक रंग के 13 पत्ते....प्रत्येक ऋतु में 13 सप्ताह
4. सभी पत्तों का जोड़ ..1 से 13 = 91 × 4 = 364
5. एक जोकर..... 364+1= 365 दिन...1 वर्ष
6. दूसरा जोकर गिने..365 +1=366 दिन..लीप वर्ष
7. 52 पत्तों में 12 चित्र वाले पत्ते - 12 महिने
8. लाल और काला रंग ... दिन और रात!
पत्तों का अर्थ:-
1 दुक्की - पृथ्वी और आकाश
2. तिक्की- ब्रम्हा, विष्णू, महेश
3. चौकी - चार वेद (अथर्व वेद, सामवेद, ऋग्वेद, यजुर्वेदे )
4. पंजी - पंच प्राण (प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान)
5. छक्की - षड रिपू (काम, क्रोध, मद, मोह, मत्सर, लोभ)
6. सत्ती- सात सागर
7. अटठी- आठ सिद्धी
8. नव्वा- नौ ग्रह
9. दस्सी- दस इंद्रियां
10. गुलाम- मन की वासना
11. रानी- माया
12. राजा - शासक
13. *ईक्का- एक ईश्वर*