कर्म भूमि से हुई विदाई जन्म भूमि पर स्वागत है.. मनोज सिंह टाईगर जी
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यह कविता मनोज सिंह टाईगर जी के गॉडफादर जो उनको मुंबई ले गए थे उन्हीं के अपने कर्म भूमि से वापिस अपने जन्म भूमि पर स्वागत का वर्णन किया है, देशी मिट्टी की सौंधी महक आ रही है, शुद्ध देसी, बचपन, गांव, पुरानी यादों की सौंधी अनुभूति हो रही है..
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