Nalini Mishra
*भगवान राम के आदर्श आपके जीवन को सुशोभित करे व आपका जीवन राममय बने*।
*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ*।
संजीव जैन
गुजरात के वडोदरा में नाव पलटने से कई बच्चों के असामयिक निधन का समाचार अत्यंत दु:खद एवं पीड़ादायक है।
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे व परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति दे।
ॐ शांति:!
Anupama Jain
(owner)
हकीक़त जानेंगे तो सब पराए हो जायेंगे,
भरम में रहने दो की सब अपने हैं..
पायल शर्मा
असली धर्म = अच्छे कर्म,
बाकी सब ➡️ मन का भ्रम*
शशि यादव
कुछ लोगो का प्यार समझ से परे होता है
सोशल मीडिया पर मिलते ही सीधा ब्लॉक हो जाता है।
Sanjay khambete
श्री रामलला के विराजमान होने के 11वें दिन ही ज्ञानवापीमंदिर में पूजा आरम्भ कालचक्र पलट रहा है...
Mukesh Bansal
कांग्रेस और विपक्ष पर वज्रपात,
मोदी कन्याकुमारी में “ध्यान” में बैठ गए,
100 टन सोना भारत आ गया और
GDP उछाल मार गई -
चुनाव प्रचार समाप्त होते ही प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जाकर “ध्यान” पर बैठ गए और कांग्रेस चीख पुकार करती रह गई जैसे लुट गए मर गए बर्बाद हो गए हों - चुनाव आयोग में माथा फोड़ा और DMK कोर्ट में गिड़गिड़ाती रह गई -
अभी मोदी जी “ध्यान” में मग्न थे कि कांग्रेस को सुलगाने के लिए एक खबर और आ गई कि भारत की GDP 2023 - 24 के लिए 8.2% हो गई है जिसमें मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन की 9.9% वृद्धि दर ने अहम योगदान दिया है - वर्ष 2023 - 24 की चार तिमाही में GDP दर रही -
-पहली तिमाही - 8.2%
-दूसरी तिमाही - 8.1%
-तीसरी तिमाही - 8.6%
-चौथी तिमाही - 7.8%
ये GDP देख कर चीन को सांप सूंघ जाएगा क्योंकि उसकी अपनी विकास दर 5% से ऊपर नहीं रही - ये GDP देख कर राहुल गांधी और उसका पप्पू आर्थिक गुरु पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन सन्नाटे में खो गए होंगे क्योंकि दोनों चीन के चमचे हैं - इस रघुराम राजन ने कहा था कि भारत किस्मत वाला होगा अगर उसकी GDP 2023 - 24 में 5% भी हो गई लेकिन वो 5% हो गई चीन की और भारत की हो गई 8.2% -
अमर्त्य सेन और रघुराम राजन दो एक भारत विरोधी खटमल हैं जो हमारे देश का खून चूसने में आगे रहे हैं और देश के खिलाफ बोलते हैं - रघुराम राजन ने यह भी कहा था कि “बेशक G20 देशों में Fastest Growing Economy है लेकिन भारत सबसे “गरीब” देश भी है जहां जवान लड़के Labour Force के लिए काम कर रहे हैं - Growth की Hype को लेकर भारत गलती कर रहा है और विकसित भारत का विज़न “नॉनसेंस” है - हमारा वर्कफोर्स बढ़ रहा है लेकिन यह तभी फायदेमंद होगा जब वे “अच्छी” नौकरियों में लगे हों”
जिस Semiconductor chip manufacturing की वजह से चीन बड़े स्तर पर विकास करता रहा उसी Chip को भारत के लिए रघुराम राजन ने बेकार कहा था - उसने कहा था जब सभी देश Chip बना रहे हों तो वह भारत के लिए “बर्बादी” ला सकता है (Ruinous साबित होगा भारत के लिए”
ऐसी बातें रघुराम राजन की सुनकर सोचने पर विवश होता हूं इस व्यक्ति ने RBI का गवर्नर रह कर कितना बड़ा नुकसान देश को दिया होगा -
इसके अलावा कांग्रेस काल में गिरवी रखा 47 टन सोने की जगह कल 100 टन सोना ब्रिटिश बैंक से भारत वापस लाया गया - ये बड़ी उपलब्धि है लेकिन कांग्रेस का घोटालेबाज “अनर्थशास्त्री” चिदंबरम कह रहा है कि सोना लाने से हमारी अर्थव्यवस्था’ कोई फर्क नहीं पड़ेगा - इसका मतलब यह है कि मनमोहन सरकार में गिरवी रखे गए सोने को वापस लाने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई -
चिदंबरम जब आप सरकार छोड़ कर गए थे तब भारत का सोने का भंडार 557 टन था जो अब बढ़ कर 10 साल में 822 टन हो गया है, मतलब 48% की बढ़ोतरी हुई है - इसका मतलब यह भी निकलता है कि 1947 से 2014 तक सोना 8 टन प्रति वर्ष बढ़ा जबकि पिछले 10 वर्ष में 26 टन प्रति वर्ष बढ़ा है -
कुछ दिन पहले चिदंबरम ने कहा था कि प्रधानमंत्री कोई भी हो मोदी या कोई और, भारत की इकॉनमी 3rd नंबर पर पहुंच ही जाएगी जबकि सच यह है कि कांग्रेस सत्ता में हो तो economy 5 से 15 नंबर पर पहुंचने में देर नहीं लगेगी - अरे निकम्मों कभी तो किसी काम को अच्छा कह दिया करो या मोदी से जल जल कर ही मर जाओगे -
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ऐसी ख़ुशख़बरी संकेत देने के लिए काफी है कि भारत का भविष्य उज्जवल है और मोदी जी के हाथों में सुरक्षित है -
“मैं वंशज श्री राम का”
अनिल जैन
जो आदमी हार के डर से
अपनी पारम्परिक सीट छोड़कर भाग जाए
वो मुसीबत आने पर देश छोड़कर भी भाग सकता है
Priyadarshi Tiwari
*भीषण गर्मी पर बुंदेलखंड के कवि की सुंदर रचना*
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
*विकट दुफ़रिया है सन्नानी*
सूरज निकरो है खिसिया कें, विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
ऊपर-नेंचें प्रान हो रये,लपटें करें खूब मनमानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
मौसम लयें आग के हंटर,जो मिल रव सो मार रओ है।
धूप तुनक के लाल हो गयी,पहिले भारी प्यार रओ है।
सूरज खों रंगदारी करबे,की आदत है भोत पुरानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
गरम हवा सब फेंक रये हैं,कूलर-पंखा फेल हो गये।
बाहर जाबे की दम नैयाँ,नजरबन्द,घर जेल हो गये।।
मूँड़ सें चुयें पसीना,अखल-बखल हो रय सब प्रानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
नदियाँ सबई दूबरी हो गयीं, ताल-तलैया सूख गये हैं।
जाने कहाँ गयी हरयाली,मरे मरे से रूख भये हैं।।
ढोर-बछेरू छाँव ढूंढ रय,पीबे तक कों नैयाँ पानी।।
विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
पके कलींदे, मठा, चीमरी, सकला, सतुआ,पनो आम को।
गन्ना रस,अंगूर,संतरा,करें सामनो कठिन घाम को।।
कुल्फी और बरफ को गोला, खाके तबियत तनक जुड़ानी।।
सूरज निकरो है खिसिया कें, विकट दुफ़रिया है सन्नानी।
ऊपर -नेंचें प्रान हो रये, लपटें करतीं हैं मनमानी।।
*विकट दुफ़रिया है सन्नानी।*