Solanki Navin Singh's Album: Wall Photos

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#Boycottmadeinchina
चीन के सस्ते सामानों के आदि हो चुके हम सब को अपनी यह आदत बदलनी पड़ेगी ।

अपने सस्ते सामानों की लफ्फाबाजी देकर चीन हमारे ही खिलाफ ही इसे उपयोग करता रहेगा और यह सस्ते सामान अब हमपर ही महंगे पड़ रहे हैं।

कभी आजतक हमने यह जानने की कोशिश ही नहीं कि चीन इतने सस्ते सामान बनाता कैसे और इसके पीछे उसकी मंशा क्या है ।

सस्ते सामानों में चीनी तकनीक के अलावा उसकी बहुत ही कम लेबर कोस्ट है , जिसमें अपनी जनता का शोषण कर वह उनका वह भरपूर प्रयोग करता है और जिस तकनीक के बल पर वहां सस्ते सामान बनते हैं ,वह तकनीक भी उसे सस्ती ही पड़ती है।

चीन की मंशा सदा ही भूमि विस्तार की रही है , चीन इसपर दो नीतियों से काम करता है , शक्तिशाली देशों को व्यापार के जरिए कंट्रोल करना और कमजोर देशों को कर्ज देकर उनपर आधिपत्य साबित करना । शक्तिशाली देशों में एशिया और अफ्रीका के देशों को व्यापार के द्वारा और कमजोर देशों में जिनमें श्रीलंका , पाकिस्तान उनपर कर्ज के द्वारा और अब कोरोना काल उसकी नजर युरोप के देशों में चल रही है।

कमजोर देशों का उपयोग तो वह कर ही रहा है और यह देश उसके लगभग गुलाम बन ही चुके हैं। शक्तिशाली देश जैसे भारत में अपने सस्ते सामान के बल पर यहां के बाजार पर अपना अधिकार जमा चुका है , ध्यान देने योग्य बात यह है कि उसके सामान को खरीदकर हम ही उसका साथ दे रहे हैं।

लेकिन इसे अब रोकना पड़ेगा क्योंकि हमारे पैसो का उपयोग कर वह अपनी सेना को मजबूत कर रहा है और एक आधारभूत संरचना तैयार कर रहा है , जिससे उसके सैनिक धीरे धीरे हमारे देश पर घुसपैठ कर रहे है और आज भी लद्दाख में घुसे बैठे हैं ।

आखिर यह हम बर्दास्त कैसे करें कि जो देश हमारे सम्मान पर चोट पहुंचाए और हम अपने निजी लाभ को देखें यह संभव नहीं है ।

सरकार सैन्य बल के द्वारा अपना जवाब दे रही है और हम चीन के द्वारा बनाए गए सामानों को उपयोग में न ला कर इसका जवाब दे सकते हैं । चीन द्वारा बनाई कुछ चीजें हम तुरंत हटा सकते हैं और जिन चीजों का हमारे पास विकल्प नहीं है , उनपर समय के साथ इसका विकल्प निकाल कर ।

जरूर इसमें कुछ परेशानियां आयेंगी लेकिन बाजार हमारी जरूरतो के हिसाब से खुद को ढाल लेता है और अब जरुरत है तो हमें अपने खुद के जरुरतों को बदलने की।।