ग्वालियर। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से व्यापारियों की परेशानियां खत्म होती नहीं दिख रही हैं। दीपावली के त्योहारी माहौल में भी व्यापारी और कर सलाहकार जीएसटी के रिटर्न दाखिल करने में जुटे हुए हैं। यदि रिटन दाखिल नहीं किए जाते हैं तो प्रत्येक रिटर्न पर लेट फीस के रूप में 200 रुपए की पेनल्टी वसूली जा रही है। इस डर से व्यापारी त्योहारी सीजन में भी रिटर्न जमा करने में जुटे हुए हैं।
बढ़ानी चाहिए तारीखें
एमपी टैक्स लॉ बार ऐसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल का इस संबंध में कहना है कि व्यापारियों को त्योहार पर भी किसी तरह की कोई राहत नहीं दी गई है। व्यापारी अपना व्यापार और त्योहार छोड़कर कर जमा करने व रिटर्न दाखिल करने में लगा रहे। सरकार को चाहिए था कि दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर इनकी तारीखें आगे कर देनी चाहिए थी।
ये हैं रिटर्न की तारीखें
20 अक्टूबर - जीएसटीआर 3बी सितंबर माह के कारोबार का समरी रिटर्न।
31 अक्टूबर - जीएसटीआर ट्रॉन 1
31 अक्टूबर - जीएसटीआर 2 जुलाई माह में किए गए कारोबार में की गई खरीदी
के लिए
31 अक्टूबर - आयकर के ऑडिट कराने वाले व्यापारियों के रिटर्न की आखरी तारीख।
10 नवंबर - जीएसटीआर 3 जुलाई माह में किए गए कारोबार का विस्तृत विवरण।
बाजारों में रेंगा ट्रैफिक,दोपहर से शाम तक सड़कें जाम
ग्वालियर . त्योहारी सीजन के चलते बुधवार को भी शहर में जाम की स्थिति रही। सुचारू ट्रैफिक चलाने के पुलिस के दावे खोखले साबित रहे। शाम तक हालात यह हो गए ट्रैफिक रेंगता रहा। इससे जाहिर है पुलिस कोई तैयारी नहीं की थी। सिर्फ बातें कीं जिससे लोगों को जाम का सामाना करना पडेग़ा। सबसे बदतर हालात महाराज बाडे़ के रहे यहां चार दिन पहले से फुटपाथी कारोबारियों ने घेर ली थी। इस वजह से यहां चलने लायक रास्ता नहीं बचा था। बुधवार दोपहर से रात को बाजार बंद होने तक बाड़ा, दौलतगंज, रॉक्सी रोड, गोरखी के सामने, मुख्य डाकघर के सामने ट्रैफिक रेंगता रहा जबकि कोतवाली पुलिस ने बाडे़ पर स्थिति को कंट्रोल करने एनाउंसमेंट और सतत निगरानी के दावे किए थे। इसी तरह नई सड़क, गश्त का ताजिया, फालका बाजार, के साथ उपनगर ग्वालियर, मुरार में भी यातायात की हालत बदतर ही रही।