हर वक्त वो शद्ब ढूंढता हूँ मै
जो तुम सब के दिलों पर असर करे,
नफ़रतें और बुराइयां न हो तुम मे
और सिर्फ मोहब्बतें ही बसर करे।
हर वक्त वो शब्द.........
इस जिंदगी की रास्तें हैं बहोत ही
उलझनो से भरी ऐ मेरे हमदर्द,
सुलझा लेंगे वक्त की हर उलझनो को
अगर साथ सफर हमसफर करे।
हर वक्त वो शब्द...........
रखा करो दिलों मे थोड़ी परवाह और
बेपनाह मोहब्बत एक दूसरे के लिये,
होता नही है कुछ भी किसी के चाहने भर से जब तक न उपर बैठा रहम वो ईश्वर करे।
हर वक्त वो शब्द...........
वक्त से वो भी हारा था जिसे तुम
सिकंदर मुकद्दर का कहते थे,
मगर वो वक्त नही बदलता जिसे
बयाँ ''संतोष,, मोहब्ब की नजऱ करे।
हर वक्त वो शब्द..........
✍️ संतोष केवल सनातनी