नरेश भण्डारी's Album: Wall Photos

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सु-प्रभात

. अरु हलधर सों भैया
कहन लागे मोहन मैया मैया।
नंद महर सों बाबा बाबा
अरु हलधर सों भैया॥
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ऊंच चढि़ चढि़ कहति
जशोदा लै लै नाम कन्हैया।
दूरि खेलन जनि जाहु लाला रे!
मारैगी काहू की गैया॥
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गोपी ग्वाल करत कौतूहल
घर घर बजति बधैया।
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कों
चरननि की बलि जैया॥
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सूरदास जी का यह पद राग देव गंधार में आबद्ध है।
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भगवान् बालकृष्ण मैया, बाबा और भैया कहने लगे हैं। सूरदास कहते हैं कि अब श्रीकृष्ण मुख से यशोदा को मैया-मैया नंदबाबा को बाबा-बाबा व बलराम को भैया कहकर पुकारने लगे हैं।
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इतना ही नहीं अब वह नटखट भी हो गए हैं, तभी तो यशोदा ऊंची होकर अर्थात् कन्हैया जब दूर चले जाते हैं तब उचक-उचककर कन्हैया को नाम लेकर पुकारती हैं और कहती हैं कि लल्ला गाय तुझे मारेगी।
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सूरदास कहते हैं कि गोपियों व ग्वालों को श्रीकृष्ण की लीलाएं देखकर अचरज होता है।
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श्रीकृष्ण अभी छोटे ही हैं और लीलाएं भी उनकी अनोखी हैं।
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इन लीलाओं को देखकर ही सब लोग बधाइयां दे रहे हैं। सूरदास कहते हैं कि हे प्रभु ! आपके इस रूप के चरणों की मैं बलिहारी जाता हूँ।
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((((((( जय जय श्री राधे )))))))
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