नरेश भण्डारी's Album: Wall Photos

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सु-प्रभात

(((( श्याम की काली कमली ))))
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एक बार श्याम सुन्दर को नजर लग गई।
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अब मैया बहुत परेशान कि ये नज़र कैसे दूर हो। बहुत उपाय किया पर लाला की नज़र ना उतरी।
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नंदगांव की पूर्णमासी पुरोहतानी ने कहा, अगर बरसाने की राधा का पुराना कपड़ा इसे पहना दिया जाए तो तेरे लाला को नज़र नही लगेगी।
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मैया चल पड़ी बरसाना। ये नही सोचा कि सर्दी का मौसम है सुबह जाऊंगी.. ना -ना लाला को नज़र ना लगे वो काम तो पहले करना है।
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बरसाने पहुंचकर राधे रानी की मां कीर्ति जी से यशोदा मैया बोली.. मेरे लाला को नज़र बहुत लगे है।
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पूर्णमासी पुरोहताईन ने कहा है कि अगर आपकी लाली का कोई पुराना कपड़ा मिल जाए तो मेरे लाला को नज़र नही लगेगी।
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यशोदा मैया की बात सुनकर कीर्ति जी बोली.. हाय -हाय ये आप क्या कह रही है..
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नंद बाबा हमारे राजा है। हम अपनी बेटी का पुराना कपड़ा आपको कैसे दें?
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भीतर खड़ी राधा रानी सब सुन रही थी। वो बाहर आकर बोली श्याम सुन्दर को नजर ना लगे उसके लिए मैं पुराना कपड़ा तो क्या अपने प्राण भी दे सकती हूं..
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और सर्दी के कारण राधा रानी ने जो काली कमली ओढ़ रखी थी वही उतारकर यशोदा मैया को दे दी।
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तब से हमारा कन्हैया काली कमली ओढ़ कर रखता है।
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उसे नजर लगती है वो बात नही है राधा रानी की प्रसादी काली कमली कभी अपने से अलग नही करते।
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((((((( जय जय श्री राधे )))))))
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