विंध्यवासिनी महाशवरी साधना
ध्यान :-
नन्दगोप गृहे जाता यशोदागर्भ संभवा ।
ततस्तौ नाशयिष्मामि विंध्याचल निवासिनी । ।
मन्त्र :-
ॐ ह्रीं श्रीं ब्रूं क्रुं विंध्यवासिनी महाशवरी वन्दे हुं फट स्वाहा ।
जप संख्या :-कम से कम 11 माला प्रतिदिन नवरात्रि के 9 दिनो मे । तदनंतर जप संख्या का दशांश हवन करना हैं ।
विशेष :-
नवरात्रि मे इस मन्त्र का अनुष्ठान करने से मन्त्र सिद्ध हो जाता हैं । यह मन्त्र उत्तम रक्षा कवच हैं । इसकी साधना से शत्रुओ की पराजय होती हैं । भगवती साधक के हर प्रकार के योग और क्षेम का वहन करती है । संकटों , संघर्षो पर विजय प्राप्त होती हैं । न्यायालय मे विजय प्राप्त होती हैं ।