BSF के डिप्टी कमाण्डेन्ट और राष्ट्रपति द्वारा गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित रहे कोटा, राजस्थान के सुभाष शर्मा जी जब कारगिल युद्ध मे देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए थे, तब उनके पीछे छूट गयी थीं उनकी पत्नी बबिता शर्मा और 9 महीने का बेटा क्षितिज। उनके लिए ये एक त्रासदी से कम नही था। बच्चे को तो अभी पिता का मतलब भी नही पता था।
सामान्यतः एक दुधमुँहे बच्चे के साथ अकेली औरत जीवन के संघर्षों में दम तोड़ दे। पर बबीता शर्मा की अदम्य इक्षाशक्ति और समर्पण के आगे नियति ही उनकी मार्गदर्शक और सहायक बन गयी। तब से लेकर अब तक 22 वर्ष बीत गए, बबीता जी की आंखों में उनका कमिटमेंट हर पल जीवित रहा। पति के शहीद होने पर किया गया उनका प्रण कुछ दिनों पहले तब साकार हो गया जब उनका 22 वर्षीय बेटा क्षितिज IMA देहरादून से आर्मी ऑफिसर बन के निकला। क्षितिज उन्ही वादियों में देश की रक्षा में तैनात होंगे जहां कभी उनके वीर पिता की बंदूकें गरजती थीं।
बबिता शर्मा जी को उनके समर्पण और इस देश के लिए किए गए बलिदानों के लिए शत शत नमन है।