सैम मानेकशॉ ने डॉक्टर से कहा ‘आई वाज किक्ड बाई अ ब्लडी म्यूल’
किस्सा तब का है जब 17वीं इंफैन्ट्री डिविजन में तैनात सेना के अधिकारी सैम मानेकशॉ (Sam Manekshaw) ने पहली बार जंग का अनुभव किया सेकेंड वर्ल्ड-वॉर में। बर्मा अभियान के दौरान सेतांग नदी के तट पर उन्हें जापानियों से लोहा लेना था। सैम मैनेकशॉ अपनी सैन्य टुकड़ी को एक अच्छे आर्मी ऑफिसर की तरह सामने से लीड कर रहे थे। दूसरी तरफ से जापानीज धड़ा-धड़ गोलियां चला रहे थे। इसमें सैम मानेकशॉ के पेट में कई गोलियां लगीं लेकिन फिर भी वो आगे बढ़ते गए, तब तक, जब तक कि बिल्कुल निढाल हो के बेहोशी में जमीन पर नहीं गिर गए। उन्हें गंभीर अवस्था में रंगून के सैनिक अस्पताल ले जाया गया। जब उनका ऑपरेशन करने के लिए एक सर्जन वहां पहुंचे तो उस समय सैम बहादुर थोड़े से होश में थे। सर्जन ने पूछा, व्हाट हैपेन्ड टू यू, क्या हुआ तुम्हारे साथ? तो हंसते हुए सैम बहादुर बोलते हैं, आई वाज किक्ड बाई अ ब्लडी म्यूल। मतलब, मुझे एक खच्चर ने दुलत्ती मारी है। सर्जन उनकी दिलेरी और हाजिर जवाबी से इतने प्रभावित हुए कि बोले, गिवेन योर सेंस ऑफ ह्यूमर, इट विल बी वर्थ सेविंग यू। यानी, जो तुम्हारा ये हंसमुख अंदाज है, सेंस ऑफ ह्यूमर है, उसकी वजह से तुम्हारे जैसे व्यक्ति की जान बचाना अत्यंत अवश्यक है।