टकला बाबा's Album: Wall Photos

Photo 113 of 443 in Wall Photos

सुरेन्द्र भगत जी का पोस्ट

दोस्तो आज पूरा विश्व अमेरिका को जलता हुआ देख रहा है...लेकिन एक बात में भी बता दु देखने वाले मूक दर्शको को...कि अगर आप आग लगाने वालो को ठीक से देख पहचान नही पा रहे हो तो तुम भी खाली दर्शक भर न रह पाआगे बल्कि देर सवेर इस आग की जद में आकर भस्म ही होंगे...साल १९९१ में अफ्रीका के देश सोमालिया में ग्रहयुद्ध छिड़ गया,आतंकी गुट सरकार पर हावी होने लगे,भुखमरी,गरीबी और तबाही में जीते एक देश को थुकला कानून पहले चाहिए था,१९९४ आते आते सरकार ने अपना नियंत्रण खो दिया और ऐसे में मोगादिशू का एक थुकला टीचर अपने आठ बच्चों के साथ देश छोड़ भाग निकला...नाम था...#नूर_ओमर_मोहम्मद_
नूर थुकला बेहद उच्च शिक्षित परिवार से था जिसके सभी भाई बंधु उच्च पदों पर थे...नूर भाग के केन्या पहुंच गया और १९९५ में अमेरिका...अमेरिका ने इन्हे सब कुछ दिया,शरण के साथ ही...नौकरी, बच्चों को अच्छी शिक्षा,बेहतरीन सुविधाएं...नतीजा नूर के थुकले बच्चों ने भी अवसरों का खूब लाभ उठाया...इन्ही बच्चों में सबसे छोटी थी नूर की बेटी #इल्हान_अब्दुलाही_ओमर_
इल्हान थुकली ने अमेरिका की तमाम सुविधाएं भोग उच्च शिक्षा पायी,अमेरिकी संस्थानों में उच्च पद पाए फिर राजनीति में उतर पहले एक राज्य की हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की सदस्य बनी और फिर २०१८ में US हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए चुनी गई...बोले तो वहां की सांसद...गोरों के बाहुल्य वाले इलाके से उसे ४८.५% वोट मिला...जानते है इस सोमालिया से अमेरिका पहुंची भूखी नंगी इल्हान अब्दुलाही ओमर थूकली को अब क्या चाहिए...उसे अमेरिका में अपने सोमालियाई लोगों का बेरोकटोक आवागमन चाहिए,उसे हिजाब चाहिए,उसे वहाबी कानून वाली जिंदगी चाहिए...वर्तमान में अमेरिका में फैले दंगों में सबसे बड़ा हाथ इसी थूकली का है...ये और इसके समर्थक अफ्रीकी थुकले पूरे अमेरिका को आग लगाने को आतुर हैं...इसकी बेटी हाथ में माइक लिए दंगों का खुलेआम नेतृत्व कर रही है...ये सिला मिला है अमेरिका को नूर ओमर मोहम्मद thuklle और उसकी आठ भूखी नंगी थुकली औलादों पर दया दिखाने का...उन्हें जीवन का हर अवसर देने का...असिन विराथू जी सही कहते हैं...आप कितने भी दयावान क्यों न हों पागल कुत्ते को साथ नहीं सुला सकते और जो मूर्ख ये गलती करते हैं उन्हे इल्हान जैसी बीमारी मिलतीं हैं...ये जो दर्द भरी दास्तानें सुन पढ़ तुम पिघल के टपक उठते हो न...यही तुम्हारी चिता की पहली लकड़ी होती है,बिच्छू को कितना भी प्यार से सहलाओ वो डंक ही मारेगा फिर चाहे वो अफ्रीकन बिच्छू हो,अरबी,बांग्लादेशी या फिर अरकान का रोहिंग्या थुकला...इस थुकली का नाम आप google कर लीजिए...मिल जाएगी...हमारे देश को भी अगर अमेरिका या दिल्ली दंगो जैसी आग से बचाना है तो...जिन्होंने रोहिंग्या,बांग्लादेशियों के आधार,वोटर आईडी बना इन थूकलो को सोमालियाई बनाने में मदद की सबसे पहले उन पर देशद्रोह का मुकदमा ठोक इनको अंदर करना चाहिए...बाकी बाते बाद में...किनके लिये लड़ रहे हैं ये लड़ाई हम...जिस समाज ने मुफ्त की बिजली,मुफ्त का पानी,मुफ्त की मेट्रो,मुफ्त बस पास...अब मुफ्त की मौत...खाँसी...खों खों के बाद कोरोना बुखार...का नया नाटक कर अंdर ग्राउंड होने वाले धूर्त मोहम्मद कंजरवाल शाद को हमारे सिर पर बैठा दिया...उसके लिए...?
देख लेना आठ दस दिन बाद आएगा और कहेगा देखो मैं कोरोना से जीत के आ गया...इसके गुर्गे फिर कहेंगे कि कोरोना से जीतने के लिए हस्पताल जाने की जरूरत नहीं...पूरे कोरोना काल मे जनता का टेक्स का पैसा दिन रात इसका थूथड दिखाने के नाम पर लूटने वाली भांड मीडिया फिर इसके पक्ष में प्रोग्राम चला इसको हीरो बता देगी...इसके नाम की पिपिहरी बजा...दिल्ली की समस्या को दबा देगी...दिल्ली के मुफ्तखोरों ने जिसको चुना है खबर नहीं है क्या दुनिया को...क्या चीज़ है वो...ये वो चीज़ है कि कोरोना को कंजरवाल हो जाए और इसकी झा#$ न उखड़े...कोरोना को isolation में जाना पड़ जाए इसके सम्पर्क में कोरोना वायरस आए...तो कोरोना को फांसी खाने के लिए फंदा न मिले...ये कोरोना जैसे सैकड़ों वायरस रस का बाप है...बाप...हरियाणा में पैदा हुआ,पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में पढ़ाई की,यूपी के कौशाम्बी में रहता था,वाराणसी में लोक सभा चुनाव लड़ा,वर्तमान में दिल्ली का सीएम है,
अपना इलाज करवाने कर्नाटक में बीस बीस दिन गां$% उठाये पड़ा रहने वाला मोहम्मद कंजर वाल शाद रुपी हलाहल विष आपने मुफ्त की लालच में अपने ऊपर उड़ेला है वह दिल्ली में रहने वाले प्रत्येक भारत के नागरिक के लिए भी उतना ही प्राणघातक है,आपका चुना यह आस्तीन का सांप जो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कुंडली मारे बैठा सरकारी खजाने को जोंक की तरह चूस रहा है...याद रखना दिल्ली के दिलवालो मोहम्मद गौरी ने जयचंद को,अंग्रेजों ने मीर जाफर को काम निकल जाने के बाद जीवित नहीं छोड़ा था...इस नर भक्षी कंजर गिद्ध का काम भी निकल गया है...अब तुम जानो... और तुम्हारा राम...श्मशान घाट बनवा ही दिए है...???