by
sanjeev rampalmishra February 2, 2023
अमर अटल का मुक्तक काव्य"
२५ दिसम्बर का वह दिन था,
पैदा हुआ स्वाभिमानी वह रत्न था।
कहां किसको खबर थी,
भारत माता इतनी प्रबल थी।
हमने अभी होश संभाला था ,
अटल सत्य को देश गुरु बनाया था।
वह आत्मा नहीं परमात्मा के अंश थे,
वसुन्धरा का भोग अमर अटल सत्य थे।
उनकी सहसा वाणी समतावाद का प्रतीक थी,
देश धर्म से पर...