Recent Entries

  • संस्कार क्या जरूरी है

    आज हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है । भष्टचार ,बेरोजगारी,अशिक्षा ,गरीबी ,या हमारी आने वाली पीढ़ी के संस्कार , या राजनीती ? हम सब चीजों को दर किनार करते हुए अपनी आने वाली पीढ़ी पर फोकस करे। हमारी आने वाली पीढ़ी के विचार न तो मर्यादित न उनमे सयम रहा है। कमी कहा रहा गई क्...
    comments
  • Hockey Our Nation game

    हॉकी सितारों को भोजन मे मिलती है हड्डिया और Bugs( कीड़े )उनके लिए कोई मांस नहीं: मुख्य कोचबेंगलुरू: मुख्य कोच का कहना हैं कि - "एशियाई खेलों और विश्व कप के लिए भारत के हॉकी सितारों के प्रशिक्षण के लिए मांस की तुलना में अधिक हड्डियां मिल रही हैं, और कभी-कभी यह पाया जाता है कि यह उनको मिलने वाले आहार म...
    comments
  • रिश्ते

    कुछ यूँ हो रहा है आजकल रिश्तो का विस्तार जितना जिस से मतलब उतना उसे प्यार आज के परिवेश मे अगर देखे तो काफी हद तक ये बात सही है । आज के आधुनिक युग मे हर तरफ जहा प्यार ख़त्म होता जा रहा है वही स्वार्थ का जन्म हो रहा है ।किसी भी व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति की न फ़िक्र है न उसके दुःख दर्द से म...
    comments
  • life is good teacher

    Today I learned .....Always knowledge pay.....Didnt matter whatever your knowledge.......If you have proper knowledge and proper way and things you will be done .....Success always with you
    comments
  • प्रेम

    खुसरो दरिया प्रेम का सो उल्टी वाकी धार!जो उबरा सो डूब गया; जो डूबा वो पार!!प्रेम प्यार मोहब्बत इश्क नाम कई है पर है क्या प्यार । इस पर मन सवतः ही भटकता रहा है । क्या है प्रेम किसी का इंतज़ार या किसी को देख कर आखो मे चमक आना है प्यार । फिर कभी मन कहता है की प्यार समर्पण है । पर किसके प्...
    comments
  • समय

    क्या घड़ी बाँधने से समय को बांध जा सकता है तो क्यू बंधे घड़ी समय अपनी गति से चल रहा है।न तो किसी के रोकने से रुक है न गया समय वापस आता है ।काम ही इंसान की पहचान हैअनुपमा जैन
    comments
  • रिश्ते टूटते क्यों है

    बाढ़ की संभावनाये सामने हैं, और नदियों के किनारे घर बने है        आज के परिवेश मे दुष्यंत कुमार जी की ये पंक्ति सत्य लगती है।कभी हम पढ़ते थे मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है किन्तु आज मनुष्य एक सोशल मीडिया का प्राणी बनकर रह गया है।अपना समय ,चिन्तन सोच ,विचार औऱ रिश्ते सब इसमे छुपात...
    comments
  • सब की अपनी कहानी

    कभी कोई सही या गलत नही होता बल्कि सबकी परिस्थितिय अलग होती है।सबके पास उनके पहले प्यार की कहानियां होती है। प्यार सिर्फ एक कहानी है।
  • सोचो क्या सही क्या गलत

    अगर सही मे मुकाबला करना है तो अपने आप से करो खुद निर्णय करो क्या गलत किया क्यू गलत किया कहाँ आपका स्वाभिमान था कहाँ आपका अभिमान है।किसी को गिरा कर उठे तो क्या उठे मज़ा तब है जब सब के साथ उठो ।अपना कद बढाओ पर पैर जमीन पर टिके रहे गिरने का डर खत्म कर अपनी उड़ान भरो ।हमेशा खुश रहिये तब ही दूसरों को खुश र...
    comments
  • काश

    खुली आँखों के ख्वाब हो तुम सब समय जो आती है वो साँस हो तुमकभी पा नही सकती तुम्हें फिर भी मेरे दिल की आख़री आस हो तुम अनुपमा जैन
    comments
  • सोचोगे तब ही कुछ नया मिलेगा

    तन्हाई अच्छी है सिर्फ मैं होती खुश भी मैं दुखी भी मैं रोती भी मैं आँसू पोछती भी मैंसिर्फ मैं और मेरी तनहाई
  • Anupama Jain

    समंदर गहरा है तो शांत है जब गहरी खत्म होती है तो लहर बनती है ।